Monday, 21 May 2018

भारतीय संविधान के मुख्‍य अनुच्‍छेद


भारतीय संविधान के  मुख्‍य एवं महत्वपूर्ण अनुच्‍छेद
                    भारतीय संविधान के  मुख्‍य एवं महत्वपूर्ण अनुच्‍छेद           

 आज हम भारतीय संविधान के मुख्‍य अनुच्‍छेदो के बारे में चर्चा करेंगें |
                                          तो चलिए शुरू करते है |


                     भारत, संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक प्रभुसत्तासम्पन्न, समाजवादी धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य है. यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है.      
                                                              भारत का संविधान, संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ.भारत का संविधान दुनिया का सबसे बडा लिखित संविधान है. इसमें अब 450 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है. इनमें से कुछ महत्वपूर्ण अनुच्छेद निम्नलिखित है:

1. अनुच्छेद 1
                        यह घोषणा करता है कि भारत राज्यों का संघ है.

2. अनुच्छेद 3
                         संसद विधि द्वारा नए राज्य बना सकती है तथा पहले से अवस्थित राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं एवं नामों में परिवर्तन कर सकती है.

3. अनुच्छेद 5
                         संविधान के प्रारंभ होने के, समय भारत में रहने वाले वे सभी व्यक्ति यहां के नागरिक होंगे, जिनका जन्म भारत में हुआ हो, जिनके पिता या माता भारत के नागरिक हों या संविधान के प्रारंभ के समय से भारत में रह रहे हों.

4. अनुच्छेद 53
                         संघ की कार्यपालिका संबंधी शक्ति राष्ट्रपति में निहित रहेगी.

5. अनुच्छेद 64
                          उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पढ़ें अध्यक्ष होगा.

6. अनुच्छेद 74:
                          एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसके शीर्ष पर प्रधानमंत्री रहेगा, जिसकी सहायता एवं सुझाव के आधार पर राष्ट्रपति अपने कार्य संपन्न करेगा. राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद के लिए किसी सलाह के पुनर्विचार को आवश्यक समझ सकता है, पर पुनर्विचार के पश्चात दी गई सलाह के अनुसार वह कार्य करेगा. इससे संबंधित किसी विवाद की परीक्षा किसी न्यायालय में नहीं की जाएगी.
7. अनुच्छेद 76
                          राष्ट्रपति द्वारा महान्यायवादी की नियुक्ति की जाएगी.

8. अनुच्छेद 78
                          प्रधानमंत्री का यह कर्तव्य होगा कि वह देश के प्रशासनिक एवं विधायी मामलों तथा मंत्रिपरिषद के निर्णयों के संबंध में राष्ट्रपति को सूचना दे, यदि राष्ट्रपति इस प्रकार की सूचना प्राप्त करना आवश्यक समझे.

9. अनुच्छेद 86
                            इसके अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा संसद को संबोधित करने तथा संदेश भेजने के अधिकार का उल्लेख है.

10. अनुच्छेद 108
                             यदि किसी विधेयक के संबंध में दोनों सदनों में गतिरोध उत्पन्न हो गया हो तो संयुक्त अधिवेशन का प्रावधान है.

11. अनुच्छेद 110
                             धन विधेयक को इसमें परिभाषित किया गया है.

12. अनुच्छेद 111
                             संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के पास जाता है. राष्ट्रपति उस विधेयक को सम्मति प्रदान कर सकता है या अस्वीकृत कर सकता है. वह सन्देश के साथ या बिना संदेश के संसद को उस पर पुनर्विचार के लिए भेज सकता है, पर यदि दोबारा विधेयक को संसद द्वारा राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है तो वह इसे अस्वीकृत नहीं करेगा.

13. अनुच्छेद 112
                            प्रत्येक वित्तीय वर्ष हेतु राष्ट्रपति द्वारा संसद के समक्ष बजट पेश किया जाएगा.

14. अनुच्छेद 123:
                           संसद के अवकाश (सत्र नहीं चलने की स्थिति) में राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने का अधिकार.

15. अनुच्छेद 124
                            इसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के गठन का वर्णन है.

16. अनुच्छेद 129:
                            सर्वोच्च न्यायालय एक अभिलेख न्यायालय है.

17. अनुच्छेद 148:
                           नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी.

18. अनुच्छेद 163
                           राज्यपाल के कार्यों में सहायता एवं सुझाव देने के लिए राज्यों में एक मंत्रिपरिषद एवं इसके शीर्ष पर मुख्यमंत्री होगा, पर राज्यपाल के स्वविवेक संबंधी कार्यों में वह मंत्रिपरिषद के सुझाव लेने के लिए बाध्य नहीं होगा.

19. अनुच्छेद 169
                          राज्यों में विधान परिषदों की रचना या उनकी समाप्ति विधान सभा द्वारा बहुमत से पारित प्रस्ताव तथा संसद द्वारा इसकी स्वीकृति से संभव है.

20. अनुच्छेद 200
                          राज्यों की विधायिका द्वारा पारित विधेयक राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. वह इस पर अपनी सम्मति दे सकता है या इसे अस्वीकृत कर सकता है. वह इस विधेयक को संदेश के साथ या बिना संदेश के पुनर्विचार हेतु विधायिका को वापस भेज सकता है, पर पुनर्विचार के बाद दोबारा विधेयक आ जाने पर वह इसे अस्वीकृत नहीं कर सकता. इसके अतिरिक्त वह विधेयक को राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भी भेज सकता है.
                                                 भारतीय संविधान के मुख्‍य एवं महत्वपूर्ण अनुच्‍छेद                                   
21. अनुच्छेद 213
                           राज्य विधायिका के सत्र में नहीं रहने पर राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है.

22. अनुच्छेद 214
                            सभी राज्यों के लिए उच्च न्यायालय की व्यवस्था होगी.

23. अनुच्छेद 226
                            मूल अधिकारों के प्रवर्तन के लिए उच्च न्यायालय को लेख जारी करने की शक्तियां.

24. अनुच्छेद 233
                            जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा उच्च न्यायालय के परामर्श से की जाएगी.

25. अनुच्छेद 235:
                             उच्च न्यायालय का नियंत्रण अधीनस्थ न्यायलयों पर रहेगा.

26. अनुच्छेद 239
                             केंद्र शासित प्रदेशों का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा होगा। वह यदि उचित समझे तो बगल के किसी राज्य के राज्यपाल को इसके प्रशासन का दायित्व सौंप सकता है या प्रशासन की नियुक्ति कर सकता है.

27. अनुच्छेद 245:
                             संसद संपूर्ण देश या इसके किसी हिस्से के लिए तथा राज्य विधानपालिका अपने राज्य या इसके किसी हिस्से के ले कानून बना सकता है.

28. अनुच्छेद 248
                            विधि निर्माण संबंधी अवशिष्ट शक्तियां संसद में निहित हैं.

29. अनुच्छेद 249:  
                            राज्य सभा विशेष बहुमत द्वारा राज्य सूची के किसी विषय पर लोक सभा को एक वर्ष के लिए कानून बनाने के लिए अधिकृत कर सकती है, यदि वह इसे राष्ट्रहित में आवश्यक समझे.

29. अनुच्छेद 262
                            अंतरराज्यीय नदियां या नदी घाटियों के जल के वितरण एवं नियंत्रण से संबंधित विवादों के लिए संसद द्वारा निर्णय कर सकती है.

30. अनुच्छेद 263
                            केंद्र राज्य संबंधों में विवादों का समाधान करने एवं परस्पर सहयोग के क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य राष्ट्रपति एक अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना कर सकता है.

31. अनुच्छेद 266:
                           भारत की संचित निधि, जिसमें सरकार की सभी मौद्रिक अविष्टियां एकत्र रहेंगी, विधि समस्त प्रक्रिया के बिना इससे कोई भी राशि नहीं निकली जा सकती है.

32. अनुच्छेद 267
                           संसद विधि द्वारा एक आकस्मिक निधि स्थापित कर सकती है, जिसमें अकस्मात उत्पन्न परिस्थितियां के लिए राशि एकत्र की जाएगी.

33. अनुच्छेद 275
                           केंद्र द्वारा राज्यों को सहायक अनुदान दिए जाने का प्रावधान.

34. अनुच्छेद 280:
                            राष्ट्रपति हर पांचवें वर्ष एक वित्त आयोग की स्थापना करेगा, जिसमें अध्यक्ष के अतिरिक्त चार अन्य सदस्य होंगें तथा जो राष्ट्रपति के पास केंद्र एवं राज्यों के बीच करों के वितरण के संबंध में अनुशंषा करेगा.

35. अनुच्छेद 300 :
                            राज्य किसी भी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित नहीं करेगा. पहले यह प्रावधान मूल अधिकारों के अंतर्गत था, पर संविधान के 44 वें संशोधन, 1978 द्वारा इसे अनुच्छेद 300 (क) में एक सामान्य वैधानिक (क़ानूनी) अधिकार के रूप में अवस्थित किया गया.

36. अनुच्छेद 312:
                            राज्य सभा विशेष बहुमत द्वारा नई अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना की अनुशंसा कर सकती है.

37. अनुच्छेद 315:
                            संघ एवं राज्यों के लिए एक लोक सेवा आयोग की स्थापना की जाएगी.

38. अनुच्छेद 324
                           चुनावों के पर्यवेक्षण, निर्देशन एवं नियंत्रण संबंधी समस्त शक्तियां चुनाव आयोग में निहित रहेंगी.

39. अनुच्छेद 326
                           लोक सभा तथा विधान सभाओं में चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर होगा.

40. अनुच्छेद 331
                           आंग्ल भारतीय समुदाय के लोगों का राष्ट्रपति द्वारा लोक सभा में मनोनयन संभव है, यदि वह समझे की उनका उचित प्रतिनिधित्व नहीं है.
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41. अनुच्छेद 332:
                            अनुसूचित जाति एवं जनजातियों का विधानसभाओं में आरक्षण का प्रावधान.

42. अनुच्छेद 333
                            आंग्ल भारतीय समुदाय के लोगों का विधान सभाओं में मनोनयन.

43. अनुच्छेद 335
                            अनुसूचित जातियों, जनजातियों एवं पिछड़े वर्गों के लिए विभिन्न सेवाओं में पदों पर आरक्षण का प्रावधान.

44. अनुच्छेद 343
                             संघ की आधिकारिक भाषा देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी होगी.

45. अनुच्छेद 347
                            यदि किसी राज्य में पर्याप्त संख्या में लोग किसी भाषा को बोलते हों और उनकी आकांक्षा हो कि उनके द्वारा बोली जाने वाली भाषा को मान्यता दी जाए तो इसकी अनुमति राष्ट्रपति दे सकता है.

46. अनुच्छेद 351
                            यह संघ का कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार एवं उत्थान करे ताकि वह भारत की मिश्रित संस्कृति के सभी अंगों के लिए अभिव्यक्ति का माध्यम बने.

47. अनुच्छेद 352
                           राष्ट्रपति द्वारा आपात स्थिति की घोषणा, यदि वह समझता हो कि भारत या उसके किसी भाग की सुरक्षा युद्ध, बाह्य आक्रमण या सैन्य विद्रोह के फलस्वरूप खतरे में है.

48. अनुच्छेद 356
                           यदि किसी राज्य के राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को यह रिपोर्ट दी जाए कि उस राज्य में सवैंधानिक तंत्र असफल हो गया है तो वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जा  सकता है.

49. अनुच्छेद 360:
                          यदि राष्ट्रपति यह समझता है की भारत या इसके किसी भाग की वित्तीय स्थिरता एवं साख खतरे में है तो वह वित्तीय आपत स्थिति की घोषणा कर सकता है.

50. अनुच्छेद 365:
                          यदि कोई राज्य केंद्र द्वारा भेजे गए किसी कार्यकारी निर्देश का पालन करने में असफल रहता है तो राष्ट्रपति द्वारा यह समझा जाना विधि समस्त होगा कि उस राज्य में संविधान तंत्र के अनुरूप प्रशासन चलने की स्थिति नहीं है और वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है.

51. अनुच्छेद 368
                          संसद को संविधान के किसी भी भाग का संशोधन करने का अधिकार है.

52. अनुच्छेद 370:
                           इसके अंतर्गत जम्मू कश्मीर की विशेष स्थिति का वर्णन है.

53. अनुच्छेद 371
                            कुछ राज्यों के विशेष क्षेत्रों के विकास के लिए राष्ट्रपति बोर्ड स्थापित कर सकता है, जैसे - महाराष्ट्र, गुजरात, नागालैंड, मणिपुर आदि.

54. अनुच्छेद 394 :
                           राष्ट्रपति अपने अधिकार के अंतर्गत इस संविधान का हिंदी भाषा में अनुवाद कराएगा.

55. अनुच्छेद 395
                           भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947, भारत सरकार अधिनियम, 1953 तथा इनके अन्य पूरक अधिनियमों को, जिसमें प्रिवी कौंसिल क्षेत्राधिकार अधिनियम शामिल नहीं है, यहां रद्द किया जाता है.
                                                 भारतीय संविधान के मुख्‍य एवं महत्वपूर्ण अनुच्‍छेद                                    
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Friday, 11 May 2018

आसान GK TRICKS सीरीज 1

 आसान GK TRICKS सीरीज 1


 GK Trick : उपवेदों के नाम याद रखने की ट्रिक
Trick –– “अगाध आयु”
• अ = अर्थशास्त्र
• गा = गंधर्ववेद
• ध = धनुर्वेद
• आयु = आयुर्वेद

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GK Trick : भारत के अबतक प्रधानमंत्रियों के नाम क्रम से याद रखने की ट्रिक
Trick –– “जवा लाल इन्दिरा ने मोरार जी के चरणो मे जाकर कहा मैं इन्दिरा हूँ राजीव मेरा पुत्र है।
तब विश्व चन्द्र नर अटल मिलकर गये देव इन्द्र के पास अटल मन से मोदी का दीदार करने।”

• जवा – पं नेहरू
• लाल – लाल बहादुर शास्त्री
• इन्दिरा
• मोरार जी
• चरणो – चौधरी चरण सिंह
• इन्दिरा
• राजीव
• विश्व – वी पी सिंह (विश्वनाथ प्रताप सिंह)
• चन्द्र – चन्द्रशेखर
• नर – नरसिंह राव
• अटल – अटल जी
• देव – एच डी देवगौडा
• इन्द्र – इन्द्र कुमार गुजराल
• अटल – अटल जी
• मन – मनमोहन सिंह (लगातार दो बार)
• मोदी – नरेंद्र मोदी


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GK Trick : G20 सदस्य देशों के नाम याद रखने के लिए ट्रिक
Trick –– “Guruji Sita Ab SSC FCI Me Hai”
• Germany
• USA
• Russia
• UK
• Japan
• India
• South Africa
• Indonesia
• Turkey
• Australia
• Argentina
• Brazil
• Saudi Arabia
• South Korea
• Canada
• France
• China
• Italy
• Mexico
• European Union


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GK Trick : कौन कौन से देश की मुद्रा रुपया है?
Trick –– “मामाश्री ने भाई से पाकिस्तान माँगा”
• मालदीप
• मारिसस
• श्रीलंका
• नेपाल
• भारत
• इंडोनेशिया
• सेसेल्स
• पाकिस्तान

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